कल्कि को हिन्दू भगवान विष्णु के दसवें अवतार और विष्णु का भावी या अंतिम अवतार माना गया है।धर्म ग्रंथों के अनुसार कलयुग में भगवान विष्णु कल्कि रूप में अवतार लेंगे। कल्कि अवतार जब अवतरित होंगे वो कलियुग और सतयुग का संधिकाल का समय होगा | पुराणों में वर्णित कथाओं के अनुसार कलियुग में जब पाप अपने चरम पर पर होगा तब दुष्टों के संहार करने हेतु स्वयं विष्णु भगवान कल्कि रूप में अवतार लेंगे | कल्कि को विष्णु का भावी और अंतिम अवतार माना गया है। भगवान का यह अवतार " निष्कलंक भगवान " के नाम से भी जाना जायेगा। भगवान विष्णु का ये अवतार 64 कलाओं में निपुण होगा |
श्रीमद्भागवत में विष्णु भगवान और उनके अवतारों की कथाओं का विस्तार से वर्णन किया गया है | श्रीमद्भागवत के बारहवें स्कन्द के द्वितीय अध्याय में भगवान के कल्कि अवतार की कथा का विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है |
 
श्रीमद्भागवत-महापुराण के 12वे स्कंद के अनुसार-
सम्भलग्राममुख्यस्य ब्राह्मणस्य महात्मनः।
भवने विष्णुयशसः कल्किः प्रादुर्भविष्यति।।
अर्थात - शम्भल गांव में विष्णुयश नाम के ब्राह्मण जो की विष्णु भक्त होंगे और बहुत ही दयालु तथा भगवत भक्त होंगे जिनके घर में कल्कि अवतार का जन्म होगा |
विक्रम संवत् 2082
विश्व पृथ्वी दिवस
🔆 मंगलवार, 22 अप्रैल 2025