चालीसा

  • राम स्तुति अर्थ सहित

    राम स्तुति अर्थ सहित

    राम स्तुति अर्थ सहित श्रीरामचंद्र कृपालु भजु मन हरण भव भय दारुणम्। नवकंजलोचन, कंज-मुख कर-कंज पद-कंजारुणम्।। श्री रामचन्द्र जो दया और करुणा के प्रतीक हैं ऐसे श्री राम को मेरा हृदय...

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  • शिव चालीसा

    शिव चालीसा

    शिव चालीसा ।।दोहा।। श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान, कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान, श्री अयोध्यादास जी जो शिव चालीसा के रचयिता हैं, वो रचना प्रारम्भ करने से पहले गणेश...

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  • श्री राम चालीसा

    श्री राम चालीसा

    श्री राम चालीसा श्री रघुवीर भक्त हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥ निशिदिन ध्यान धरै जो कोई। ता सम भक्त और नहिं होई॥१॥ हे रघुकुल शिरोमणि, भक्तों के कल्याण कर्ता, हे...

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  • श्री हनुमान चालीसा

    श्री हनुमान चालीसा

    || श्री हनुमान चालीसा || ॥ दोहा॥ श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि । बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ॥ बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार । बल बुधि...

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  • श्री दुर्गा चालीसा

    श्री दुर्गा चालीसा

    श्री दुर्गा चालीसा ||   नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो अम्बे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥ अर्थात - सब प्रकार से सुख करने वाली माँ...

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